इज़राइल में फंसे भारतीय नागरिकों की विदेश मंत्रालय कर रहा मदद, 'ऑपरेशन अजय' के तहत चौथी उड़ान पहुंची भारत।
नई दिल्ली: युद्धग्रस्त इज़राइल से भारतीयों को बचाने के लिए शुरू किए गए 'ऑपरेशन अजय' के हिस्से के रूप में, 274 भारतीय नागरिकों को लेकर एक उड़ान रविवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंची। विशेष अभियान शुरू होने के बाद से यह चौथी उड़ान है। इजराइल से रवाना होने वाली यह एक दिन में दूसरी और 'ऑपरेशन अजय' शुरू होने के बाद से चौथी उड़ान थी। इससे पहले 197 भारतीय नागरिकों के तीसरे जत्थे को लेकर एक उड़ान रवाना हुई।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इजराइल से रवाना होने वाली चौथी उड़ान के बारे में एक्स पर लिखा, "दिन की दूसरी उड़ान 274 यात्रियों को लेकर तेल अवीव से रवाना हुई।
इज़राइल में भारतीय दूतावास ने एक्स पर पोस्ट किया, "ऑपरेशन अजय के हिस्से के रूप में, भारतीय नागरिक अभी भी इज़राइल में हैं और भारत वापस यात्रा करने के इच्छुक हैं, उनसे तत्काल संलग्न यात्रा फॉर्म को पूरा करने का अनुरोध किया जाता है।
'ऑपरेशन अजय' में यात्रा स्लॉट 'पहले आओ, पहले पाओ' के आधार पर आवंटित किए जाएंगे। इज़राइल में भारतीय दूतावास ने पहले कहा था, "पुष्टि और स्लॉटिंग के बाद यात्रा न करने या मना करने की स्थिति में, आपका नाम कतार में सबसे पीछे चला जाएगा।" अब तक कुल 918 भारतीय नागरिकों को इजराइल से बाहर निकाला जा चुका है। इज़राइल में लगभग 18,000 भारतीय नागरिक रहते और काम करते हैं, जिनमें देखभाल करने वाले, छात्र, कई आईटी पेशेवर और हीरा व्यापारी शामिल हैं।
Story by - Yash Bhardwaj
Updated on 2023-10-18 21:54:42
भारत के आर्थिक सहयोग से नेपाल के खोतांग में स्कूल भवन का उद्घाटन। 5 अप्रैल, काठमांडू। नेपाल के खोतांग जिले के रावा बेसी में भारत की वित्तीय सहायता से गुरुवार को एक माध्यमिक विद्यालय का उद्घाटन किया गया। ‘नेपाल-भारत विकास सहयोग’ के तहत निर्मित दो मंजिला स्कूल भवन और छात्रावास भवन का उद्घाटन काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास में प्रथम सचिव सुमन शेखर ने किया। यह हिमालयी राष्ट्र के शिक्षा क्षेत्र में सुधार में सहयोग करने के लिए भारत का नवीनतम कदम है। भारतीय दूतावास ने गुरुवार की देर शाम एक आधिकारिक बयान में इसकी जानकारी दी। बयान के अनुसार, श्री शारदा माध्यमिक विद्यालय के लिए दो मंजिला स्कूल भवन, छात्रावास भवन और दोनों भवनों के फर्नीचर के लिए 3.61 करोड़ नेपाली रुपये की भारतीय अनुदान सहायता का इस्तेमाल किया गया। भारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर भी यह जानकारी साझा की है। उच्चायोग ने एक पोस्ट में लिखा, ‘‘खोतांग जिले के रावा बेसी ग्रामीण नगर पालिका के श्री शारदा माध्यमिक विद्यालय के स्कूल और छात्रावास की इमारतों का आज संयुक्त रूप से भारतीय दूतावास के प्रथम सचिव सुमन शेखर और खोतांग जिला समन्वय समिति के प्रमुख सैन बहादुर राय द्वारा उद्घाटन किया गया।’’ दूतावास के अनुसार, यह परियोजना भारत और नेपाल सरकार के बीच एक समझौते के तहत एक उच्च प्रभाव सामुदायिक विकास परियोजना (एचआईसीडीपी) के रूप में शुरू की गई थी, जिसे जिला समन्वय समिति, खोतांग के माध्यम से कार्यान्वित किया गया है। यह प्रोजेक्ट भारत और नेपाल के बीच बेहद मजबूत विकास साझेदारी का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। इस दौरान खोतांग जिला समन्वय समिति के प्रमुख ने नेपाल के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के उत्थान में भारत सरकार के निरंतर सहयोग की सराहना की। गौरतलब है कि भारत अपनी ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति के तहत हमेशा विभिन्न क्षेत्रों में नेपाल की मदद के लिए अग्रसर रहता है। हाल ही में नेपाल के डोटी जिले में भारत की वित्तीय सहायता से बनने वाले श्री केदार ज्योतिपुंज मल्टीपल स्कूल कैंपस की आधारशिला रखी गई थी। इस स्कूल कैंपस पर 2.89 करोड़ नेपाली रुपये खर्च होंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने दिया अफगानी नागरिकों को हर संभव मदद का आश्वासन। अफगानिस्तान के नई दिल्ली स्थित दूतावास ने भारत में काम बंद करने की घोषणा के बाद से अब इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि यहां रहने वाले अफगानी नागरिकों और छात्रों का क्या होगा? इस पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने भारत की स्थिति स्पष्ट की. उन्होंने नई दिल्ली में अफगानी दूतावास के बंद होने की पुष्टि करते हुए कहा कि भारत सरकार अफगानी नागरिकों को हर तरह की मदद देना जारी रखेगी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि सितंबर महीने के आखिर में नई दिल्ली में अफगानी दूतावास ने ऑपरेशन बंद करने की घोषणा की, लेकिन हम हर तरह से अफगानी नागरिकों को सहयोग दे रहे हैं और इसे आगे भी जारी रखेंगे. उन्होंने कहा," हमें मालूम है कि भारत में अच्छी खासी संख्या में अफगानिस्तान के लोग रहते हैं, जिनमें छात्र भी हैं. भारत सरकार उन्हें काउंसलर मदद दे रही है और भविष्य में भी देती रहेगी. आपको बता दें कि भारत सरकार से कथित तौर पर सहयोग नहीं मिलने का दावा कर दिल्ली स्थित अफगानी दूतावास ने 1 अक्टूबर से परिचालन बंद करने की घोषणा की थी. हालांकि, दूतावास के राजदूत और अन्य डिप्लोमेट्स इस घोषणा से पहले ही भारत छोड़कर यूरोप और अमेरिका में शरण लेने चले गए थे. गौरतलब है कि दूतावास पहले से ही कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा था. अफगानिस्तान में तालिबान ने 2021 में तख्ता पलट कर शासन अपने हाथ में ले लिया था. भारत ने कभी भी तालिबान सरकार का समर्थन नहीं किया और वहां लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार के गठन की वकालत करता रहा है. हालांकि, भारत ने अफगानिस्तान के वाणिज्यिक दूतावास को काम करने की अनुमति दे रखी थी. इस बीच अफगानी दूतावास ने 1 अक्टूबर से नई दिल्ली में अपना ऑपरेशन बंद करने की घोषणा कर दी. इसके बाद से भारत में रह रहे अफगानी नागरिकों की चिंता बढ़ने लगी थी. माना जा रहा है कि उन्हें हर तरह के सहयोग की विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के आश्वासन के बाद उनकी चिंता कुछ कम होगी.
भारत और संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक क्षमता निर्माण पहल शुरू की, विकास के अनुभव होंगे साझा। नई दिल्ली: भारत और संयुक्त राष्ट्र ने एक संयुक्त "भारत-संयुक्त राष्ट्र क्षमता निर्माण पहल" शुरू की है, जिसका उद्देश्य क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से वैश्विक दक्षिण में भागीदार देशों के साथ भारत के विकास के अनुभवों, सर्वोत्तम प्रथाओं और विशेषज्ञता को साझा करना है। इस पहल की घोषणा 23 सितंबर 2023 को विदेश मंत्री एस जयशंकर की उपस्थिति में न्यूयॉर्क में "ग्लोबल साउथ के लिए भारत-संयुक्त राष्ट्र - विकास के लिए वितरण" नामक एक कार्यक्रम में की गई थी। इस कार्यक्रम में 78वीं महासभा के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस, समोआ के प्रधान मंत्री फियामे नाओमी माताफा, भूटान के विदेश मंत्री टांडी दोरजी, विदेश मामलों, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, व्यापार मंत्री विंस हेंडरसन की भी भागीदारी देखी गई। संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि "भारत-संयुक्त राष्ट्र क्षमता निर्माण पहल" विकास और क्षमता निर्माण में व्यापक सहयोग पर आधारित है जो भारत पहले से ही अपने साझेदार देशों के साथ द्विपक्षीय रूप से कर रहा है। भारत-संयुक्त राष्ट्र पहल "भारत-संयुक्त राष्ट्र विकास साझेदारी निधि" के रूप में भारत-संयुक्त राष्ट्र साझेदारी को भी पूरक बनाती है, जिसने पिछले 6 वर्षों में 61 देशों में 75 विकास परियोजनाओं का एक पोर्टफोलियो विकसित किया है। इस पहल के हिस्से के रूप में, यूएन इंडिया टीम और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन भारत के विकास के अनुभवों और सर्वोत्तम प्रथाओं को दुनिया भर में साझा करने के लिए भारत के तकनीकी और आर्थिक सहयोग मंच का लाभ उठाने के लिए साझेदारी करेंगे। विज्ञप्ति में बताया गया कि रविवार को भारत में संयुक्त राष्ट्र रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के बीच इस आशय की एक संयुक्त घोषणा का भी आदान-प्रदान किया गया। यह पहल भारत के जी20 प्रेसीडेंसी के विकास-प्रासंगिक डिलिवरेबल्स को भी संचालित करेगी, जिसमें एसडीजी पर प्रगति में तेजी लाने के लिए जी20 एक्शन प्लान, तकनीकी परिवर्तन और डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण शामिल है। संयुक्त राष्ट्र ने इस पहल को दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मजबूत करके सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने की दिशा में वैश्विक प्रयासों में एक महत्वपूर्ण योगदान के रूप में चिह्नित किया है और यह वैश्विक दक्षिण के साथ अपनी विकास साझेदारी को मजबूत करने के भारत के निरंतर प्रयासों को दर्शाता है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह पहल भारत की सफल जी20 अध्यक्षता को आगे बढ़ाती है जिसमें जी20 एजेंडे में ग्लोबल साउथ की आवाज को शामिल किया गया और समूह में अफ्रीकी संघ का प्रवेश हुआ।
मंगोलिया यात्रा पर विदेश सचिव (पूर्व) सौरभ कुमार ने माध्यमिक विद्यालय के निर्माण के अनुबंध पर किये हस्ताक्षर। विदेश मंत्रालय के पूर्वी मामलों के सचिव सौरभ कुमार मंगोलिया यात्रा पर हैं ऐसे में अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने कल उलानबाटर में मंगोलिया के शिक्षा और विज्ञान मंत्री एल.ऐंख अंगालान के साथ मुलाकात की इसके साथ ही शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी, कौशल विकास और क्षमता निर्माण के क्षेत्रों पर विचार विमर्श किया। विदेश मंत्रालय के पूर्वी मामलों के सचिव सौरभ कुमार ने भारत-मंगोलिया मित्रता माध्यमिक विद्यालय के निर्माण के अनुबंध पर हस्ताक्षर भी किये। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सोशल साइट एक्स पर ट्वीट किया कि सचिव (पूर्व) सौरभ कुमार की आज उलानबटार में मंगोलिया के शिक्षा और विज्ञान मंत्री एल एनख-अमगलान के साथ सार्थक चर्चा हुई। उन्होंने शिक्षा, आईटी, कौशल और क्षमता निर्माण के क्षेत्रों में द्विपक्षीय परियोजनाओं और सहयोग पर चर्चा की। वे भारत-मंगोलिया मैत्री माध्यमिक विद्यालय के निर्माण के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर के भी गवाह बने। विदेश मंत्रालय के पूर्वी मामलों के सचिव सौरभ कुमार ने मंगोलिया के विदेश मामलों के सचिव एन.अंखबयार से भी मुलाकात की। बैठक के दौरान द्विपक्षीय संबंधों और भारतीय परियोजनाओं की स्थिति की समीक्षा की गई। साथ ही भारत मंगोलिया सामरिक साझेदारी को और मजबूत करने के संबंध में भी विचार विमर्श हुआ। बातचीत के दौरान विकास के मामलों में साझेदारी, शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी, हाइड्रोकार्बन, नवीकरणीय ऊर्जा, सुरक्षा, संचार, खनिज और क्षमता निर्माण के क्षेत्रों में सहयोग पर भी चर्चा हुई। गौरतलब है कि भारत और मंगोलिया के बीच मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध हैं। भारत में कई मंगोलियन छात्र अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए आते हैं, और इसके बदले में भारत भी मंगोलियाई छात्रों को अपने विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रमों में शामिल करने का अवसर प्रदान करता है।
मंगोलिया यात्रा पर विदेश सचिव (पूर्व) सौरभ कुमार ने माध्यमिक विद्यालय के निर्माण के अनुबंध पर किये हस्ताक्षर। विदेश मंत्रालय के पूर्वी मामलों के सचिव सौरभ कुमार मंगोलिया यात्रा पर हैं ऐसे में अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने कल उलानबाटर में मंगोलिया के शिक्षा और विज्ञान मंत्री एल.ऐंख अंगालान के साथ मुलाकात की इसके साथ ही शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी, कौशल विकास और क्षमता निर्माण के क्षेत्रों पर विचार विमर्श किया। विदेश मंत्रालय के पूर्वी मामलों के सचिव सौरभ कुमार ने भारत-मंगोलिया मित्रता माध्यमिक विद्यालय के निर्माण के अनुबंध पर हस्ताक्षर भी किये। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सोशल साइट एक्स पर ट्वीट किया कि सचिव (पूर्व) सौरभ कुमार की आज उलानबटार में मंगोलिया के शिक्षा और विज्ञान मंत्री एल एनख-अमगलान के साथ सार्थक चर्चा हुई। उन्होंने शिक्षा, आईटी, कौशल और क्षमता निर्माण के क्षेत्रों में द्विपक्षीय परियोजनाओं और सहयोग पर चर्चा की। वे भारत-मंगोलिया मैत्री माध्यमिक विद्यालय के निर्माण के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर के भी गवाह बने। विदेश मंत्रालय के पूर्वी मामलों के सचिव सौरभ कुमार ने मंगोलिया के विदेश मामलों के सचिव एन.अंखबयार से भी मुलाकात की। बैठक के दौरान द्विपक्षीय संबंधों और भारतीय परियोजनाओं की स्थिति की समीक्षा की गई। साथ ही भारत मंगोलिया सामरिक साझेदारी को और मजबूत करने के संबंध में भी विचार विमर्श हुआ। बातचीत के दौरान विकास के मामलों में साझेदारी, शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी, हाइड्रोकार्बन, नवीकरणीय ऊर्जा, सुरक्षा, संचार, खनिज और क्षमता निर्माण के क्षेत्रों में सहयोग पर भी चर्चा हुई। गौरतलब है कि भारत और मंगोलिया के बीच मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध हैं। भारत में कई मंगोलियन छात्र अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए आते हैं, और इसके बदले में भारत भी मंगोलियाई छात्रों को अपने विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रमों में शामिल करने का अवसर प्रदान करता है।
प्रवास और गतिशीलता बढ़ाने पर भारत और फिनलैंड ने किये संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर भारत और फिनलैंड के बीच के रिश्ते और मजबूत होते जा रहे हैं. मंगलवार को दोनों देशों के बीच प्रवास और गतिशीलता पर पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यवस्था बनाने को लेकर संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर हुए. इस संयुक्त घोषणा के दौरान भारत के संसदीय मामलों के राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन और फिनलैंड की रोजगार मंत्री सुश्री तुउला हैटेनेन शामिल रहे. संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर करने के अवसर पर भारत में फ़िनलैंड के राजदूत रितवा कोक्कू-रोंडे और भारत और फ़िनलैंड सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करने पर खुशी हुई: वी मुरलीधरन हस्ताक्षर करने के बाद विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने ट्वीट किया कि फिनलैंड के रोजगार मंत्री के साथ भारत और फिनलैंड के बीच प्रवास और गतिशीलता पर संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करने पर खुशी हुई. व्यापार, निवेश, प्रवासन और गतिशीलता और लोगों से लोगों के संपर्क में सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। एक और ट्वीट में कहा कि छात्रों, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और व्यवसायिक व्यक्तियों के आवागमन को सुविधाजनक बनाकर भारतीयों, विशेष रूप से युवाओं को लाभ पहुँचाने के लिए गतिशीलता और प्रवासन भागीदारी समझौतों को समाप्त करने का प्रयास हमारे व्यापक हित में फिट बैठता है। PM मोदी ने द्विपक्षीय संबंधों को गति प्रदान की: विदेश मंत्रालय विदेश मंत्रालय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि भारत और फिनलैंड लोकतंत्र, स्वतंत्रता, कानून के शासन और मानवाधिकारों के सम्मान के सामान्य मूल्यों पर आधारित गर्म और मैत्रीपूर्ण संबंध साझा करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री सना मारिन के बीच 16 मार्च, 2021 को आयोजित दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन और आभासी शिखर सम्मेलन के मौके पर 4 मई को हुई बातचीत ने हमारे द्विपक्षीय संबंधों को एक मजबूत गति प्रदान की है। भारत और फिनलैंड के बीच परंपरागत रूप से मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। हाल के वर्षों में, दोनों पक्षों द्वारा अनुसंधान, नवाचार और निवेश में सहयोग से द्विपक्षीय संबंधों में विविधता आई है।
फिजी के नाडी में होगा 12वां विश्व हिंदी सम्मेलन! सम्मेलन में भाग लेने के लिए जल्द कराएं पंजीकरण 12वां विश्व हिंदी सम्मेलन फिजी सरकार के सहयोग से फिजी के नाडी में 15-17 फरवरी 2023 तक विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन का मुख्य विषय 'हिंदी: पारंपरिक ज्ञान से कृत्रिम बुद्धिमत्ता तक' है। सम्मेलन के लिए वेबसाइट और लोगो को अक्टूबर 2022 में नई दिल्ली में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर द्वारा लॉन्च किया गया था। पहला विश्व हिंदी सम्मेलन 1975 में नागपुर, भारत में आयोजित किया गया था। तब से, विश्व के अलग-अलग भागों में, ऐसे 11 सम्मेलनों का आयोजन किया जा चुका है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि भारत 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन में भाग लेने के लिए पंजीकरण शुरू कर रहा है। देश मंत्रालय द्वारा फिजी सरकार के सहयोग से नाडी, फिजी में 15-17 फरवरी 2023 तक आयोजित किया जा रहा है। अधिक जानकारी के लिए http://vishwahindisammelan.gov.in साइट पर जाएं! विदेश मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि फिजी में 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन में भाग लेने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण www.vishwahindisammelan.gov.in पर शुरू हो चुका है। शुल्क का भुगतान इंटरनेट बैंकिंग या किसी वैध डेबिट/क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऑनलाइन किया जा सकता है। वेबसाइट में पिछले विश्व हिंदी सम्मेलनों की जानकारी के अलावा 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन, वीजा आवश्यकताओं, आवास और फिजी के आगंतुकों के लिए कोविड-19 दिशानिर्देशों आदि पर प्रासंगिक जानकारी शामिल है। 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन के कार्यक्रम और शैक्षणिक सत्रों की विस्तृत जानकारी के साथ वेबसाइट को जल्द ही अपडेट किया जाएगा।
भारत की जबरदस्त विदेश निति, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में हर देश की कर रहा है मदद! इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत के लिये ऑस्ट्रेलिया और फ्रांँस भले ही प्रमुख रणनीतिक साझेदार हैं लेकिन इनके अलावा भी भारत हर देश की मदद करने के लिए अग्रिम पंक्ति में खड़ा रहता है. भारत नेबरहुड फर्स्ट नीति के तहत सभी देशों के हितों के लिए काम कर रहा है और समय-समय उन्हें उपकरणों के साथ आर्थिक और वाणिज्यिक सहायता प्रदान करता है. भारत ने 3 नवंबर को Papua New Guinea को आईटी उपकरणों की खरीद के लिए सहायता अनुदान दिया जिसके बाद Port Moresby में भारतीय हाई कमीशन ने ट्वीट किया कि 'भारत ने आईटी उपकरणों की खरीद के लिए सहायता अनुदान के तहत राष्ट्रीय सांस्कृतिक आयोग, Papua New Guinea को 50,666 यूएस $ की सहायता प्रदान की। 3 नवंबर 2022 को एचसी इनबासेकर एस द्वारा पीएनजी पर्यटन, कला और संस्कृति मंत्री, महामहिम आईएसआई लियोनार्ड को चेक प्रस्तुत किया गया।' भारत ने Fiji को भी जयपुर कृत्रिम अंग का उपहार दिए है. दरअसल 3 नवंबर को Fiji PM ने जयपुर फुट कैंप का उद्घाटन किया जिसमे भारत सरकार द्वारा 1 नवंबर से 20 दिसंबर तक वित्त पोषित शिविर का आयोजन किया जायेगा इसमें भारत फिजी में 600 से अधिक विकलांगों को विश्व प्रसिद्ध जयपुर कृत्रिम अंग प्रदान करेगा। गौरतलब है कि इस साल भारत श्रीलंका, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान समेत कई देशों की आर्थिक और वाणिज्यिक सहायता कर चुका है.